शारीरिक वेदन कष्टनिवृत्ति के लिए हनुमान मंत्र
Hanuman Mantra, हनुमान मन्त्र hanuman mantra once and for all health and fitness – rogon se bachane ke liye hanumaan mantra
एक बार देवराज इंद्र के वज्र के प्रहार से हनुमान जी की थुद्दी जिसे संस्कृत में हनु भी कहते हैं वह टूट गई थी, इसी वजह से उनका नाम हनुमान रखा गया, और सिर्फ हनुमान ही नहीं इनके और अनेकों नाम प्रसिद्ध हैं जैसे कि संकट मोचन, केसरी नंदन, बजरंगबली, पवन पुत्र, शंकर सुमन, अंजनी सुत, महावीर, कपीश आदि ।
Bhasmasura was a demon who practiced demanding penance and pleased Lord Shiva. When Lord Shiva informed him to request a boon, he requested for the facility to show anyone into ashes on whose head he placed his hand.
हनुमान जी स्वयं की प्रार्थना से उतने प्रसन्न नहीं होते , जितने कि “श्रीराम” की प्रार्थना से . – जीवन में किसी भी समस्या के निवारण के लिए पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल और सिन्दूर से “राम-राम” लिखकर हनुमान जी को अर्पित करें .
Only Vishnu has the power to "enchant" Shiva; a demon who attempted to enchant and harm Shiva in method of a girl was killed in the attempt.[27]
Mohini's principal modus operandi is always to trick or beguile Individuals she encounters. She is worshipped during Indian tradition, but mostly in Western India, exactly where temples are dedicated to her depicted as Mahalasa, the consort of Khandoba, a regional avatar of Shiva.
लाभ – इस मन्त्र के जप से शत्रुओं से रक्षा, शत्रु विजय, सभी रोग के निवारण का फल प्राप्त होता है.
This is a really powerful Hanuman Mantra for getting new Work opportunities and achievement in life. When you chant this mantra every day with entire devotion, Then you really will encounter no obstructions in your present task and can a fresh work very easily. The mantra is helpful for students who are making ready for his or her exams.
इसके जप से हर तरह के रोग, शारीरिक दुर्बलता आदि दूर होते हैं। खास बात यह है कि हनुमानजी के उपासक को सदाचारी होना चाहिए। सदाचार से वे प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य click here महात्मन:।
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।।